हिन्दी हमारी मातृभाषा है और राष्ट्रभाषा है। व्याकरण की दृष्टि से यह वास्तव में विश्व की सबसे समृद्ध भाषा है। हिंदी विभाग इस कॉलेज के सबसे पुराने विभागों में से एक है। यह 1918 में कॉलेज की स्थापना के साथ स्थापित किया गया था। तब से प्रो सत्यदेव, डॉ बेदी राम, डॉ ब्रह्मदत्त, डॉ एम एल शर्मा, डॉ मधु, डॉ राम अवतार, डॉ के एल सैनी, डॉ उषा उप्पल ने विभाग को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। । वर्तमान में श्रीमती संदीपना शर्मा के कुशल एवं बौद्धिक नेतृत्व में यह विभाग हिन्दी भाषा के सौन्दर्य की शिक्षा देकर भाषाविज्ञान में उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत है।
विभाग ने 1918 में हिंदी में स्नातक पाठ्यक्रम और 1956 में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए। यह वास्तव में अपने पूर्व छात्रों- नाटकों के मसीहा मोहन राकेश, प्रसिद्ध साहित्यकार उपेंद्रनाथ ‘अश्क’, रविंदर कालिया, निदेशक, जनपीठ और नया ज्ञान उदयपत्रिका के संपादक पर गर्व करता है। और महान लेखक और शिक्षाविद जैसे डॉ इंद्रनाथ मदन, डॉ धर्म पाल मैनी, डॉ रमेश कुंतल मेघ, डॉ गंगा प्रसाद विमल और कई अन्य। डॉ. रमेश कुंतलमेघ वर्तमान में जीएनडीयू, अमृतसर में हिंदी विभाग के प्रमुख हैं और डॉ. गंगा प्रसाद ‘विमल’ जेएनयू, नई दिल्ली में एशियाई भाषाओं के स्कूल के प्रमुख हैं।
Hindi is our Mother Language and is the Language of the Nation. In the context of grammar it is in fact the richest language of the world. Hindi Department is one of the oldest departments of this College. It was established with the founding of the College in 1918. Since then Prof Satyadev, Dr. Bedi Ram, Dr. Brahmdatt, Dr. M.L.Sharma, Dr. Madhu, Dr. Ram Avtar, Dr. K.L.Saini, Dr. Usha Uppal have contributed significantly in enriching the Department. Presently under the able and intellectual leadership of Mrs. Sandeepna Sharma, this department is teaching the beauty of Hindi language and striving for excellence in linguistics.
The Department started Under-Graduate courses in Hindi in 1918 and Post-Graduate courses in 1956.It is genuinely proud of its alumni- Masiah of Plays Mohan Rakesh, renowned literary jewel UpendraNath ‘Ashk’, RavinderKalia, Director, Jananpith and Editor of NayaGianUdayPatrika and great writers and educationists like Dr. IndernathMadan, Dr. Dharam Pal Maini, Dr. Ramesh KuntalMegh, Dr. Ganga Parsad‘Vimal’ and innumerous others. Dr. RameshKuntalMegh is presently Head of Hindi Department in GNDU, Amritsar and Dr. Ganga Parsad‘Vimal’ is Head of School of Asian Languages in JNU, New Delhi.
“हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है | ” – सुमित्रानंदन पंत
Three Day UGC sponsored National Conference was organized on ‘Samkaleen Hindi Sahityake Pratiman ’from March 2-4, 2012. Renowned Hindi scholars Sh. Pankaj Bisht (Delhi), Dr. Jai Prakash Sharma (Chandigarh), Dr. David Teja(Gurdaspur), Dr. Rakesh Kumar (Ludhiana), Dr. VinodShahi (Jalandhar), Dr. Jatinder Shrivastav (Delhi), Dr. MritunjyaUpadhaya (Jharkhand), Dr.Sanjay Chauhan (Amritsar), Dr. Suraj Palival (Vardha), Dr. Rajinder Toki (Khanna), Dr. Tarsam Gujral (Jalandhar), Dr. Darmpal Maini (Gurgaon), Dr. Radasham Sharma (Panchkula) etc participated and read their research papers.
Hindi Department is one of the oldest departments of this College. It was established with the founding of the College in 1918.