डी.ए.वी कालेज, जालंधर में आज एक-दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । ‘मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य परिषद’ की ओर से आयोजित इस संगोष्ठी में भारतीय प्रसारण सेवा के अनुभवी अधिकारी, लेखक एवं मीडियाकर्मी डॉ. कृष्ण कुमार रत्तू ने मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया ।
इस अवसर पर स्वागत करते हुए कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. भारत भूषण शर्मा ने कहा कि डी.ए.वी परिवार स्वामी दयानंद की इस धारणा को आधार बनाकर चलता है कि हिंदी द्वारा पूरे भारत को एक सूञ में जोड़ा जा सकता है। मीडिया से जुड़कर हिंदी भाषा ने रोज़गार की अनन्त सम्भावनाओं को जन्म दिया है। विद्यार्थियों को इस दिशा में सजग होकर प्रयास करने चाहिए। वास्तव में हिंदी भारत की ‘बिंदी’ अर्थात् शान है।
‘हिंदी भाषा और मीडिया’ विषय पर अपना आधार भाषण देते हुए डॉ. रत्तू ने कहा कि संचार क्रांति के कारण वर्तमान समय हिंदी भाषा का सुनहरा दौर है। भारत से बाहर फिज़ी, सूरीनाम, मॉरिशस, ञिनिदाद, टोबैगो के अतिरिक्त नेपाल, सिंगापुर व कनाडा में हिंदी दूसरी और तीसरी भाषा के रूप में विकसित हुई है। मीडिया की हिंदी के बारे में उन्होनें बताया कि यह गकिशील भाषा है, जिसमें लोकभाषा और निजी शैली के साथ विभिन्न प्रभाव पैदा किए जाते है। इसी मीडिया की हिंदी ने छाञों के लिए रोज़गार के मौके तलाशे है। संगीत, चिञों और भाषा का उपयोग करते हुए मीडिया एक जादुई संचार रचता है। कोई भी व्यक्ति इसके प्रभाव से अछूता नही रह पाता।
भाषा और मीडिया के आपसी संबंधो पर चर्चा करने के अतिरिक्त डॉ. रत्तू ने कहा कि आज अहिंदी भाषीय स्थानों में भी हिंदी का महत्वपूर्ण कार्य हो रहा हैा यह हिंदी ही है, जो रूह का संवाद है। डॉ. बलवेन्द्र सिंह ने कहा कि हिंदी केवल भाषा ही नहीं, बल्कि पूरी जन संस्कृति है। जन सरोकारों से जुड़ी हिंदी भाषा ने मीडिया से जुड़कर व्यापक सम्भावनाओं का मंच तैयार किया है। राजभाषा से बढ़कर हिंदी का एक राष्ट्रीय व अंतर राष्ट्रीय स्वरूप भी है।
इससे पूर्व हिंदी विभाग की प्रोफैसर सन्दीपना शर्मा ने हिंदी भाषा पर आधारित स्वरचित कविता के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने से पहले डी.ए.वी कॉलेज के हिंदी विभाग के मुख्य डॉ. कश्मीरी लाल सैनी ने विद्यार्थी प्रतिभागिता की प्रशंसा की। उनके अनुसार वर्तमान में हिंदी और मीडिया का यह विषय पूर्ण रूप से प्रासंगिक है। संगोष्ठी के प्रश्न उत्तर वाले सञ में चिञा शर्मा, प्रिया, शिवम आदि विद्यार्थियों से प्रश्न पूछे गए।
मंच का संचालन डा. बलवेन्द्र सिंह द्वारा किया गया । इस संगोष्ठी में हिंदी विभाग की वरिष्ठ अध्यापिका डॉ. उषा उप्पल, प्रो. दिनेश अरोड़ा,पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर प्रो. मनीष खन्ना, डा. मीनू तलवाड़, डॉ. कुलविंदर सिंह तथा अन्य भी मौजूद थे।