पटियाला घराना की विख्यात फनकार श्रीमती अंजना नाथ ने डी. ए. वी. कॉलेज, जालन्धर के सभागार में आयोजित राग संध्या में शास्त्रीय गायन की भाव-विभोर करने वाली प्रस्तुति दी। श्रीमती अंजना नाथ प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ पं. अजय चक्रवर्ती की शिष्या हैं और कोलकता से विशेष रूप से अपनी कला के प्रदर्शन के लिये पंजाब पधारी है।
डी. ए. वी. कॉलेज, जालन्धर के Extra Mural Activities Department द्वारा आयोजित इस राग संध्या में प्रो. बी. एस. नांरग मुख्य अतिथि थे और उन्होंने
ज्योति प्रज्जवलित कर इस संध्या का विविधत आगाज़ किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ डॉ. प्रेम सागर एवं उनके शिष्यों ने गुरु गोविन्द सिंह की अमर “रचना मानस की जात एक पहचान” को गा कर किया। इसके पश्चात् श्रीमती अंजना नाथ में बड़े गुलाम अली खान की composition राग बिहाग में प्रस्तुत की और बैठक का अंजाम ठुमरी से हुआ। श्रीमती अंजना नाथ ने पंजाब के कला पारखियों के सामने अपनी प्रस्तुति को एक अभूतपूर्व उपलब्धि बताया और यह माना कि पंजाब में शास्त्रीय संगीत को चाहने, सीखने और समझने वालों की तादाद अभी भी बहुत है। प्रो. बी. एस. नारंग ने ऐसी राग सभा का सुन्दर आयोजन के लिये डी. ए. वी. कॉलेज, जालन्धर के प्रबन्धन विशेषरूप से प्रिंसीपल डॉ. बी. बी. शर्मा और EMA विभाग के डीन, प्रो. शरद मनोचा का आभार व्यक्त किया है और हर्ष जताया कि डी. ए. वी. कॉलेज, जालन्धर शास्त्रीय संगीत की इस परम्परा को आगे बढ़ाने में योगदान जारी रखे है। इस अवसर पर प्रो. अनूप वत्स, डॉ. दिनेश अरोड़ा, प्रो. रीना, प्रो. सपना भी उपस्थित थे। डॉ. वरेन्द्र, ड़ॉ. तजेन्द्र सिंह, प्रिंसीपल अरोड़ा भी विशेष रूप से हाजिर हुये और इस शास्त्रीय संगीत की सुरीली वर्षा में सराबोर हुये। मंच संचालन प्रो. शरद मनोचा ने किया।